FAQ - सेक्सटॉर्शन क्या होता है?
ANS. "सेक्सटॉर्शन में अपराधी अक्सर सोशल मीडिया या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए पहले दोस्ती करते हैं, फिर प्राइवेट या आपत्तिजनक फोटो/वीडियो हासिल कर लेते हैं, और बाद में पीड़ित को धमकाकर ब्लैकमेल करते हैं।"
यह एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी है जो केवल पब्लिक अवेयरनेस के लिए ओडीएफसी कम्युनिटी द्वारा यहां पोस्ट की गई है। कॉन्टैक्ट 📨 help@sextortion.in
टिंकू, एक छोटे से शहर का सीधा-सादा लड़का है जिसकी उम्र अभी मात्र 21 साल है और कुछ साल पहले ही वो नौकरी के लिए दिल्ली में आया है। अंजलि, जो 18 साल की लड़की है और एक छोटे शहर में पढ़ती है, लेकिन वह बिल्कुल मॉडर्न, स्मार्ट और सोशल मीडिया की शौकीन भी है।
शुरुआत में दोनों की मुलाकात स्नैपचैट पर शुरू हुईं। पहले सिर्फ प्रोजेक्ट की बातें, फिर कॉलेज की, और फिर अपनी-अपनी लाइफ की। अंजलि टिंकू को अपने डेली स्नैप्स भेजती - कभी लाइब्रेरी से, कभी कैफेटेरिया से, तो कभी अपनी पालतू बिल्ली के साथ। टिंकू भी रोज ही उसे अपने स्नैप्स भेजता था।
स्नैपचैट के छोटे-छोटे स्ट्रीक्स ने दोनों के बीच एक अलग ही बॉन्ड बना दिया था। दोनों को एक-दूसरे की बातें, पसंद-नापसंद जानने में मज़ा आने लगा। एक दिन टिंकू ने अंजलि से पूछा, "क्या तुम मुझसे दोस्ती से कुछ ज्यादा चाहती हो?" अंजलि शर्मा गई लेकिन उसने सच-सच कह दिया, "हां, मुझे तुम्हारा साथ बहुत अच्छा लगता है।" दोनों ने तय किया कि अब वे अपनी दोस्ती को एक खूबसूरत रिश्ते में बदल देंगे।
अगले ही दिन वॉट्सएप पर टिंकू ने पूछा कि तुम्हारा दूसरा बॉयफ्रेंड तो नहीं है, अंजलि ने कहा कि नहीं। फिर विश्वास दिलाने के लिए टिंकू ने अंजलि को वीडियो कॉल पर उसका कॉन्टैक्ट लिस्ट दिखाने को बोला और चुपके से उसकी रिकॉर्डिंग कर ली। उसके बाद दोनों ने वीडियो कॉल पर एक साथ xxxxxx किया जिसे चुपके से (अंजलि को बिना बताए) टिंकू ने रिकॉर्ड कर ली।
अब टिंकू और अंजलि की लाइफ और भी रंगीन हो गई थी। वो फोन पर अपनी हर छोटी-बड़ी बात शेयर करते। स्नैपचैट से शुरू हुई इनकी दोस्ती अब सच्चे प्यार में बदल चुकी थी। एक दिन अचानक टिंकू ने अंजली को ऑनलाइन पैसे भेजने को बोला, जो अंजलि ने मना कर दिया। इसके बाद टिंकू ने उसे धमकी दी कि अगर उसने पैसे नहीं भेजे तो वो उसकी प्राइवेट वीडियो उसके रिश्तेदारों को भेज देगा। टिंकू को लवर से ब्लैकमेलर बनते देख, अंजली बहुत गुस्से में आ गई और बोली तुम एक गिरे हुए इंसान हो, "मैं तुम्हारी साइबरक्राइम में कंप्लेंट करके तुम्हें जेल का रास्ता दिखाऊंगी।"
पर इस घटना के बाद अंजलि बिल्कुल टूट चुकी थी और उसने सुसाइड (आत्महत्या) तक का सोच लिया था। फिर उसने ओडीएफसी साइबर हेल्पडेस्क से कॉन्टैक्ट किया और डिजिटल सबूत (जैसे चैट, फोटो, वीडियो, कॉल रिकॉर्डिंग) जमा करवाया। ओडीएफसी कम्युनिटी हेल्पडेस्क ने उसे फ्री काउंसलिंग दी और टिंकू को भी उसे परेशान न करने की सलाह दी।
यदि आप (या जो कोई भी) सेक्सटॉर्शन या साइबर क्राइम के विक्टिम है, तो ओडीएफसी साइबर हेल्पडेस्क से संपर्क करें और मदद लें। याद रखें दुनिया में प्रॉबलम है, तो उसकी सॉल्यूशन भी है।ओडीएफसी कम्युनिटी हेल्पडेस्क भारत के सभी राज्यों में 750+ जिलों में काम कर रही है।
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